हिंदी है हम।

हिन्दी दिवस पर हिन्दी प्रेमियों को हार्दिक बधाई

हिन्दी दुनिया की 450 से अधिक भाषाओं के इंडो-योरोपियन भाषा ब्रक्ष (Indo-European Language Tree) का एक भाग है. इस ब्रक्ष की अनेक शाखाएं हैं, जिनमें से एक Indo-Germanic शाखा है, जिसमें अंग्रेजी और‌ जर्मन सम्मिलित हैं. अतः कोई आश्चर्य नहीं कि अंग्रेजी और जर्मन के हजारों शब्द हिंदी से मिलते जुलते हैं। अतः अंग्रेजी से घ्रणा करने की कोई जरूरत नहीं, क्योंकि अंग्रेजी भी हिंदी की एक दूर की बहन है. लेकिन आवश्यक है कि लोग अपनी मात्रभाषा हिन्दी का जितना उपयोग करें, उतना ही अच्छा होगा.

यहाँ यह कहना गर्व की बात है कि हिंदी भाषा के जनक कितने दूरदर्शी थे कि उन्होंने हिंदी वर्णमाला को इतने वैज्ञानिक तरीके से संगठित किया कि एक ग्रुप में अक्षर एक ही प्रकार से बोले जाते हैं जैसे कि दांत, जीभ या होठों का प्रयोग. इससे भी ज्यादा वैज्ञानिक दूरदर्शिता यह है कि एक ग्रुप के अक्षर बढती हुई ध्वनि आव्रत्ति (sound frequency) में हैं. दुनिया की कोई दूसरी वर्णमाला ऐसी नहीं. 

देवनागरी हिन्दी वर्णमाला - "क, ख, ग, घ, ङ / च, छ, ज, झ, ञ / ट, ठ, ड, ढ, ण / त, थ, द, ध, न / प, फ, ब, भ, म / य, र, ल, व, श / ष, स, ह, क्ष, त्र, ज्ञ ..."

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